
- राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभाओं को हिमालयन्स नाम दिया गया
देशभर से 1.4 लाख छात्र-छात्राओं में 18 का चयन किया
मानव भारती लाइव
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई दिल्ली में वर्ष 2016-17 की राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभाओं को सम्मानित किया। प्रतिभाओं को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। विज्ञान भारती तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार तथा राष्ट्रीय शिक्षा एवं अनुसंधान परिषद (एनसीईआरटी) के संयुक्त तत्वावधान में विद्यार्थी विज्ञान मंथन (वीवीएम) के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा खोज का आयोजन किया गया था।
इस परीक्षा में कक्षा 6 से 10 तक के 1.4 लाख छात्र शामिल हुए थे। इन छात्रों को 29 राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों के 1472 स्कूलों से चयनित किया गया था। इनमें से 2400 छात्रों को राज्य स्तर पर उत्तीर्ण घोषित किया गया। इनमें से 264 छात्रों को 20 कैंपों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर विजेता घोषित किया गया। 264 विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय कैंप का आयोजन आईआईटी दिल्ली में हुआ। प्रसिद्ध वैज्ञानिकों की एक शैक्षणिक समिति ने इनमें से 18 छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभाओं के रूप में चयनित किया और इन्हें हिमालयन्स का नाम दिया।
राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा खोज प्रतियोगिता का प्रमुख उद्देश्य छात्रों में विज्ञान के प्रति समझ को विकसित करना और विज्ञान में करिअर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। विद्यार्थी विज्ञान मंथन में नामांकन प्राप्त छात्रों के अध्ययन के लिए विज्ञान भारती ने दो पुस्तक प्रकाशित की हैं। पहली पुस्तक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी है और दूसरी पुस्तक है विज्ञान में भारतीय योगदान : परंपरा से आधुनिकता तक है।
सम्मान समारोह में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने छात्रों से कहा कि जब तक वे अपने मनोभावों का अनुपालन नहीं करेंगे, तब तक अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिभा, समर्पण, कड़ी मेहनत और अनुशासन का दृढ़ संकल्प सफलता की कुंजी है। उन्होंने विद्यार्थियों के माता-पिता को भी बधाई दी और कहा कि वे बच्चों को उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरित करें।