मानवभारती लाइव। देहरादून
मानवभारती स्कूल की क्लास 9 की अदिति शैली और निखिल मेवाड़ के ईंधन बचाने के उपायों पर लिखे निबंध श्रेष्ठ घोषित किए गए। पेट्रोलियम मंत्रालय और पीसीआरए (पावर कंजर्वेशन एंड रिसर्च एसोसिएशन) ने राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया था। मानवभारती स्कूल के अदिति और निखिल प्रतियोगिता में शामिल हुए थे।


पेट्रोलियम मंत्रालय ने संरक्षण क्षमता महोत्सव (सक्षम) के तहत राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी निबंध प्रतियोगिता आयोजित कराई। अदिति शैली और निखिल मेवाड़ ने अपने निबंध सबमिट किए थे, जिनको सर्टिफिकेट अॉफ एचीवमेंट ( श्रेष्ठ निबंध) प्रदान किए गए। नितिन ने अपने निबंध में खनिज तेलों के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि हमें दैनिक कार्यों में अपनी आदतों में बदलाव लाना होगा। यह पहल हर व्यक्ति को करनी होगी, जैसे- पब्लिक ट्रांसपोर्ट(बस, ट्रेन आदि) से सफर करें।
Certificate-Aditi Certificate-Nikhil बेवजह गाड़ी का इंजन चालू करके न छोड़ें, ट्रैफिक में रेड सिगनल पर इंजन बंद कर दें। घर में गैस चूल्हे को उपयोग होने पर ही जलाएं। कार, बाइक और अन्य वाहनों के इंजन की समय-समय पर जांच जरूर कराएं। टायरों में एयर प्रेशर सही रहे। एक स्थान से चार व्यक्ति अलग-अलग वाहनों से जाने की बजाय कार पूल करें तो पर्यावरण भी साफ सुथरा रहेगा और ईंधन भी बचाया जा सकेगा। छोटी दूरी के लिए साइकिल इस्तेमाल करें या पैदल चलें। घरों में बार-बार खाना गर्म करने से बचने के लिए एक साथ भोजन करें। बिजली की बचत करने के लिए जरूरत होने पर ही पंखा, एसी, कूलर इस्तेमाल करें। अदिति शैली ने पर्यावरण में प्रदूषण के लिए जीवाश्म ईंधन को जिम्मेदार ठहराया। अदिति ने ईंधन बचाने के लिए सौर ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के उपयोग पर जोर दिया। उनका कहना है कि ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए जीवाश्म ईंधन काफी नहीं है, इसके लिए वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों पर भी फोकस करना होगा। उन्होंने ईंधन के संरक्षण के लिए जनसहभागिता को बहुत जरूरी बताया।